प्रश्न - परिवार के बड़े-बूढ़ों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए?
उत्तर - बड़ों को सुख-आराम देना, उनकी सेवा करना, उनको बड़प्पन देना, उनका आदर करना, उनकी आज्ञा का पालन करना, उनके शासन में रहना - यह छोटों का कर्तव्य है।
परन्तु यह खुद बड़ों का कर्तव्य नहीं है अर्थात् हम बड़े हैं, पूजनीय हैं, आदरणीय हैं ― ऐसा मानना बड़ों का काम नहीं है। कारण कि ऐसा भाव रहने से दूसरों के हृदय में उनके प्रति आदरभाव कम होता है और आगे चलकर उनका निरादर होने लगता है।
अतः बड़ों का भाव तो सबका पालन-पोषण करने का, कष्ट सहने का, छोटों को सुख-सुविधा देने का ही होना चाहिए।
छोटों और बड़ों का इस प्रकार का आपसी भाव होने से सम्पूर्ण परिवार एवं समाज सुखी होता है।
🚩 स्वामी रामसुखदास जी महाराज 🚩
🚩 पुस्तक - 'गृहस्थ में कैसे रहें' 🚩
🚩 गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित 🚩